📅 प्रकाशित तिथि: 27 जून 2025
📃 परिचय:
आज इंटरनेशनल राजनीति में बड़ा भूचाल आया है। दशकों से इज़राइल का विरोध करने वाले मुस्लिम देशों में से एक ने अब खुलकर इज़राइल का समर्थन कर दिया है। ईरान और इज़राइल के बीच तनाव अपने चरम पर है और ऐसे में एक मुस्लिम देश द्वारा इज़राइल का साथ देना पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया है। यह फैसला मिडल ईस्ट, अमेरिका, भारत और कई अन्य देशों की राजनीति को प्रभावित कर सकता है। आइए जानते हैं कौन-सा देश है, उसने क्या किया और इसके पीछे की वजह क्या है।
🌍 कौन-सा मुस्लिम देश बना इज़राइल का समर्थक?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अजरबैजान (Azerbaijan) ने खुलकर इज़राइल का साथ दिया है। हाल ही में एक इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में अजरबैजान के विदेश मंत्री ने कहा कि इज़राइल को हम आतंकवादी गतिविधियों से बचाने के लिए उसके साथ खड़े हैं।
अजरबैजान और इज़राइल के बीच पिछले कुछ सालों में डिफेंस, टेक्नोलॉजी और तेल के कारोबार को लेकर मजबूत रिश्ते बने हैं। अब पहली बार किसी मुस्लिम देश ने इंटरनेशनल स्तर पर ईरान का विरोध कर इज़राइल का समर्थन किया है।
⚔️ ईरान-इज़राइल विवाद की पृष्ठभूमि
ईरान और इज़राइल के बीच दुश्मनी कोई नई बात नहीं है। दोनों देशों के बीच 1979 ईरान इस्लामिक क्रांति के बाद से ही तनातनी है। ईरान, फिलिस्तीन का समर्थन करता है और इज़राइल को अवैध राष्ट्र मानता है। वहीं, इज़राइल ईरान को दुनिया में आतंकवाद को प्रायोजित करने वाला देश कहता रहा है। हाल के दिनों में ईरान के परमाणु कार्यक्रम और मिडल ईस्ट में ईरान समर्थित संगठनों को लेकर तनाव और भी बढ़ गया है।
🌐 मुस्लिम वर्ल्ड में मचा हड़कंप
अजरबैजान के इस फैसले से मुस्लिम वर्ल्ड में खलबली मच गई है। तुर्की, पाकिस्तान और ईरान ने इस कदम की कड़ी आलोचना की है। कई मुस्लिम देशों ने इसे इस्लामिक एकता के खिलाफ बताया है। वहीं, बहरीन और यूएई जैसे कुछ देश पहले ही इज़राइल के साथ डिप्लोमैटिक रिलेशन बना चुके हैं। अब अजरबैजान का समर्थन इस ट्रेंड को और मजबूती दे सकता है।
🇮🇳 भारत पर असर
भारत के लिए भी ये खबर अहम है। भारत के इज़राइल और अजरबैजान दोनों से अच्छे रिश्ते हैं। भारत को मिडल ईस्ट में अपने कूटनीतिक संतुलन को बनाए रखना होगा। साथ ही इस घटनाक्रम से भारत-ईरान संबंधों पर भी असर पड़ सकता है, क्योंकि भारत ने ईरान के चाबहार पोर्ट प्रोजेक्ट में बड़ा निवेश किया है।
📱 सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
इस खबर ने सोशल मीडिया पर भी खूब सुर्खियां बटोरी हैं। #IsraelSupportByAzerbaijan, #MiddleEastPolitics और #IranVsIsrael हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। लोग इसे मिडल ईस्ट पॉलिटिक्स का गेमचेंजर बता रहे हैं।
यूट्यूब और ट्विटर पर इस मुद्दे पर कई डिबेट्स और न्यूज विडियो वायरल हो रहे हैं।
📊 निष्कर्ष
अजरबैजान का इज़राइल का समर्थन करना सिर्फ एक बयान नहीं, बल्कि मिडल ईस्ट की राजनीतिक तस्वीर बदलने वाली घटना है। इसका असर आने वाले दिनों में सिर्फ मुस्लिम देशों में ही नहीं, बल्कि पूरे एशिया और पश्चिमी देशों की रणनीति पर भी देखने को मिलेगा।
भारत जैसे देशों के लिए अब मिडल ईस्ट पॉलिसी को और ज्यादा संतुलित और समझदारी से संभालने का समय है।
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